वाह रे डिजिटल दुनिया क्या है तेरी करिश्माई
सारी भावनाएं अब इन इमोजी में समाई
हंसना रोना गुस्सा होना या मस्ती में चुटकी लेना
आश्चर्य का भाव रहे या उदासीन संवेदना
यह इमोजी समझा देंगे मन की सारी भावना
भावों की अभिव्यक्ति का यह अद्भुत छोटा रूप है
पल में बतला दें जीवन में छाया है या धूप है
लंबे लंबे पत्र नहीं अब एक बटन चटकाना है
बोलो कितने कैसे-कैसे भाव किसे समझाना है
ना होती कोई रचनाएं और ना होते रचनाकार
पूर्व काल में हो जाता घर इमोजी का अविष्कार।
प्रीतिमनीष दुबे
मण्डला मप्र