माघ मास पावन है,
कुंभ मनभावन है ,
महासंगम धारा में,
डुबकी लगाइए।साधु संत करें गान,
घाट-घाट शाही स्नान,
अवगुण दान कर,
पुण्य तो कमाइए।मेला महाकुंभ आया,
खुशियाँ हजार लाया,
राग द्वेष भूलकर,
उल्लास जगाइए।साफ स्वच्छ जल रहे,
गंदगी धरा न सहे,
सब मिल स्वच्छता की,
बात मान जाइए।।रश्मि पाण्डेय शुभि जबलपुर मध्यप्रदेश