हंसी की छोटी सी किरन आ गईं अंधेरे में
मुस्कान भी पलट कर मिलने चली आई
उदासी ने छुट्टी की दरख्वास्त दे दी तब
खुशी ने दिल में नई जगह बना ली अब
ऋद्धि सम्राट से बात करके पहली बार इतना हंसी,इतनी खुश हुई, अपने बचपन को याद किया, मम्मी पापा की ढेर सारी बातें की, कॉलेज की बातें की, अपनी शरारतें बताई, सम्राट की शरारतें सुनी। ऋद्धि आज पहले वाली ऋद्धि बन गई थी उसे कुछ पल के लिए ही अपने जख्म भूल गए थे , वो खुश हो गई थी बहुत खुश।
रिनी ऋद्धि के कमरे में आई ऋद्धि को इतना खुश देखकर वो ऋद्धि से मुस्कुराते हुए बोली
“क्या बात है भाभी,आज आप बहुत खुश हो,कोई गुड न्यूज है क्या ? एक बात कहें भाभी आज तो आपका चेहरा बिल्कुल गुलाब की तरह खिल उठा है, आप बिलकुल नई नवेली भाभी की तरह लग रही हो, आपके चेहरे पर वही ग्लो है जो इस घर में पहली बार कदम रखते समय था, थैंक गॉड, मेरी पुरानी भाभी मिल गई वरना वो तो जाने कब खो गई थी। भाभी प्रोमिस करिए अब आप हमेशा ऐसे ही हंसती मुस्कुराती हुई रहेंगी। ” इतना कहकर रिनी ने ऋद्धि को प्यार से गले लगा लिया।
ऋद्धि को रिनी पर बहुत प्यार आया, बिन मां की बच्ची उसे जितना प्यार करती थी उसका एक परसेंट भी उसका जीवनसाथी उसे चाहता होता तो आज वो ऐसी हालत में नहीं होती। दिल के एक कोने में कसक सी महसूस हुई। अच्युत ऐसे क्यों हैं, कई बार ऋद्धि ने जानने की कोशिश की लेकिन अच्युत के स्वभाव में कोई फर्क नहीं पड़ा। कोई भी पुरुष चाहे वो कोई रिश्तेदार हो पड़ोसी हो अगर ऋद्धि से बात कर ले तो ऋद्धि की पीठ बेल्ट की मार से नीली पड़ जाती । और ऊपर से सख्त हिदायत भी कि रिनी को किसी बात का पता नहीं लगना चाहिए। ऋद्धि को अगर कोई प्यार करता था तो वो रिनी थी जो उसको भाभी और मां दोनों का प्यार और सम्मान देती थी,।
“भाभी आपने बताया नहीं कि आपकी खुशी का राज़ क्या है आप बहुत दिनों बाद इतनी खुश हो”? रिनी ने फिंगर् चिप्स में कैचप डालते हुए कहा।
ऋद्धि सोच में पड़ गई, वो रिनी को सम्राट के बारे में बताए कि नहीं, रिनी अभी उतनी समझदार नहीं है कहीं वो इस बातचीत का गलत मतलब न निकाल ले । और कहीं उसने अच्युत से बातों बातों में बता दिया तो अच्युत तो मुझे जिंदा नहीं छोड़ेंगे। नहीं नहीं मैं रिनी को कुछ नहीं बताऊंगी, वैसे भी अब कौन सा मुझे सम्राट जी से बात करनी है आज पंद्रह दिन आराम करते हुए हो गए, कल से घर के कामों में व्यस्त रहूंगी तो समय ही कहां मिलेगा किसी से बात करने का।
ऋद्धि ने रिनी के गाल पर चिकोटी काटते हुए कहा
“मेरी गुड़िया रानी तो बहुत बड़ी हो गई है, भाभी कब खुश हैं कब दुखी है सब पता रहता है इसे, अरे बाबा बहुत दिनों बाद मेरी बेस्ट फ्रेंड से बात हुई इसलिए मैं बहुत खुश हूं।अब आप मेरी बात ध्यान से सुनिए, आज से आपकी ड्यूटी खत्म,अब मैने बहुत आराम कर लिया, आपके एग्जाम आने वाले हैं अब सिर्फ और सिर्फ आप पढ़ाई करेंगी और कुछ नहीं कोई मस्ती नहीं । घर का कोई काम अब आप नहीं करेंगी मोहतरमा ।अब आप अपने कॉलेज जाएंगी , मेरा घर अब मेरे जिम्मे छोड़िए, बहुत मालकिन बनने की प्रैक्टिस कर ली रानी साहिबा ने”। ऋद्धि ने मुस्कुराते हुए रिनी को छेड़ा।
रिनी ने अपनी भाभी की बात सुनकर मुंह बना लिया,जैसे उसकी मर्जी के खिलाफ कोई काम हो रहा हो, ऋद्धि खिलखिला कर हंस पड़ी।
शाम को अच्युत घर आया तो ऋद्धि ने उसकी पसंद का सारा खाना बना रखा था, और एक सुंदर सी लाइट ग्रीन साड़ी पहन कर लाइट मेकअप करके बालों का नया हेयर स्टाइल बनाकर तैयार हो गई थी। ऋद्धि ने आज अच्युत को समझाने की कोशिश करने की ठानी थी, उसने अपने रिश्ते को फिर से संभालने की पूरी कोशिश करने की इच्छा अपने मन में की थी।आज उसकी शादी की सालगिरह भी तो थी लेकिन इस दिन को ना तो अच्युत याद रखता था और ना ही ऋद्धि को याद रखने देता था। अच्युत कभी भी ऋद्धि की झूठी तारीफ भी नहीं करता था
उसे बस ऋद्धि का अपमान करना ही अच्छा लगता था इसका कारण था कि ऋद्धि को देखते हुए अच्युत बहुत ही ज्यादा खूबसूरत बिलकुल फिल्मी हीरो की तरह लगता था और ऋद्धि साधारण कद काठी की लड़की थी इसलिए ऋद्धि को अच्युत हमेशा इग्नोर करता था ऋद्धि लाख उसके आगे पीछे घूमती रहती लेकिन अच्युत अपने में मस्त रहता था। ऋद्धि खुद को सजाती संवारती लेकिन अच्युत कभी उसकी ओर अच्छे से देखता भी नहीं। इतना सब कुछ करने के बाद भी अच्युत एक नंबर का शक्की मिजाज का व्यक्ति था जिसने ऋद्धि की जिंदगी को जहन्नुम बना दिया था।
अच्युत को ऋद्धि ने शादी की सालगिरह की मुबारकबाद दी, और उसके लिए मंगाया गया गिफ्ट उसे दिया। अच्युत को तो याद भी नहीं थी अपनी सालगिरह। ना ही वो कोई गिफ्ट लाया था उसके लिए। ऋद्धि आज बहुत सुंदर लग रही थी, हल्का सा मेकअप उस पर बहुत अच्छा लग रहा था। अच्युत उसकी ओर देख रहा। ऋद्धि शर्मा कर छत पर चली गई वो बालकनी में खड़ी हो कर अच्युत के बदले रूप के विषय में सोच रही थी,
क्या अच्युत बदल गया था ? या कोई और बात थी आइए देखते हैं अगले भाग में तब तक आप पढ़ते रहिए
“अनदेखा मीत”
संगीता शर्मा” प्रिया”