अजीब कशमकश है 
कि लापता भी हुए 
तो कहाँ हुए… 
जिंदगी के झुरमुटे में 
कभी डूब गये तो 
कभी पार हुए.. 
ये जिंदगी का भी 
अजीब फ़लस्फ़ा हैं कि.. 
अपने ही घर के आँगन में 
आकर हम गुमनाम हुए ..
ये बड़ा ही अजब मामला है कि 
अपनो से सजी बज़्म में 
कोई अपने ही ना मिले… 
✍️शालिनी गुप्ता प्रेमकमल 🌸
(स्वरचित)सर्वाधिकार सुरक्षित
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