बीवी तो बन गई आराम से पटेलन 
 हमको थमा दिया चौकी और बेलन 
 वह तो खाए अंगूरों के गुच्छे  
हमने भी तो कर्म किए थे अच्छे फिर हम पति ही क्यों नजर में है खटके 
 जो थमा दिए हमें झाड़ू और फ़टके 
 मेरे हाल देखकर कुंवारों को लगेंगे झटके  
पर भैया हम तो आसमान से गिरकर खजूर में है अटके 
 होता नहीं है हर पति का ऐसा बुरा हाल 
 यह तो हमारी फूटी किस्मत का ही है कमाल 
 होती है कुछ पत्नियां ऐसी ही महान हस्ती 
 जो पापड़ की जगह पति को ही तले तले खाती 
 इसे देखकर भयभीत मत हो जाना  
शादी का लड्डू सब एक बार तो जरूर खाना 
    प्रीतिमनीष दुबे  
   मण्डला मप्र
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