सोच बदल दी दुनिया की जिसने ,एक ऐसा युवा संन्यासी था,
शोषित ,पीड़ित, निर्धनों के हित के लिए जिसका मन अभिलाषी था ,
छोटा नरेंद्र जब विवेकानंद बना,तब जग ने उनको जाना ,
उनकी प्रतिभा ,कुशलता का लोहा फिर सब ने माना ,
भारत देश हमारा प्यारा ,दुनिया को बतलाया जिसने ,
पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का ध्वज लहराया जिसने ,
ब्रह्मांड बना शून्य से,वेदों का सार बताया ,
अमेरिका , शिकागो में भी जाकर भारत का परचम लहराया,
संयम ,त्याग ,तपस्या को जीवन का आधार बनाया ,
मंजिल जब तक ना मिले बढ़ते जाओ, ये सबको सिखलाया ,
नारी शिक्षा का अलख जगाया ,उसकी महता को बतलाया,
प्रेम ,एकता ,भक्ति का मर्म जिसने सबको समझाया ,
उच्च विचार से परिपूर्ण हो युवा तो, सारे जग पर राज करें ,
यश , वैभव पाए जी भर ,पूरी दुनिया में नाम करें ,
गुरु थे जिनके रामकृष्ण परमहंस ,
मानवता ,दया की शिक्षा दी ,
हिंदुत्व ,सनातन धर्म के लिए, अपने समस्त जीवन की भिक्षा दी,
लक्ष्य बनाया ” वसुधैव कुटुंबकम ” को, केसरिया ध्वज लहराया,
हिंदुत्व के प्रचार-प्रसार में अपना सारा जीवन लगाया…….
स्वरचित
प्रणीता प्रभात
फरीदाबाद , हरियाणा