विचार करके आज के हालात पर,
कल्पना करके भविष्य की,
सोचकर मैं जो लिख रहा हूँ ,
क्या कल यह किसी महत्त्व का होगा ?
क्या यह लोगों के लिए प्रेरणा बनेगा ?
क्या कदर होगी मेरी इस कलम की ?
शायद ही।

क्योंकि मेरी तरह और भी तो है,
जो लिखते हैं अपने अपने विचार,
देश के हालात पर करके विचार,
शायद लेखकों की एक प्रतियोगिता भी हो,
हो सकता है उस प्रतियोगिता में मैं हार जाऊँ,
तब क्या रहेगा अस्तित्व मेरी लेखनी का ?
शायद ही।

हो सकता है अपशिष्टों की तरहां,
फैंक दिया जाये मुझको भी उस ढेर में,
जहाँ एकत्रित होता है मृत कचरा,
तब क्या होगा मेरी आवाज़ का ?
और इस लेखन का,
जो कि आज मैं लिख रहा हूँ ,
देश और समाज के हालात पर।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Spread the love
Gurudeen Verma

By Gurudeen Verma

एक शिक्षक एवं साहित्यकार(तहसील एवं जिला- बारां, राजस्थान) पोस्टेड स्कूल- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नांदिया, तहसील- पिण्डवाड़ा, जिला- सिरोही(राजस्थान) 2900 से ज्यादा रचनायें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *