आज के इस स्वार्थी परिवेश में खुद को ज्यादा अहमियत दो ,
सभी मतलब के साथी हैं, खुद को न नजरंदाज करो !!
खुद के शरीर ,सेहत का ध्यान ,तुम्हे ही सदा रखना है ,
चुस्त दुरुस्त स्वस्थ हमेशा, ही,तुमको फिट रहना है !
खुद को अहमियत दोगे गर तो, औरों खातिर कुछ कर पाओगे ,
कृष दुर्बल अस्वस्थ काया के, साथ न पूछे जाओगे !!
अपनी खुशी को अहमियत दो, तन मन से मस्त रहो
उम्र बढ़ती है बढ़ने दो ,उसकी न तुम फिक्र करो!
बचपन अपना जिंदा रखो ,जलने वालों को जलने दो
फिकरें कसते है कसने दो, लोग,जो कहते कहने दो,!!
दिल को जवां सदा रखो तुम ,सारे काम वही करो
एक वयस्क जो कर सकता है ,सब कुछ तुम वही करो!
जब तुम खुद को अहमियत दे ,आगे कदम बढ़ाओगे
जीवन पर्यंत कभी नही तुम ,खुद को बूढ़ा पाओगे !!
छोड़ सारी चिंता टेंशन, सुकून चैन की सांस भरो
जो देता तुमको मान व इज्जत, उनका तुम सम्मान करो!
अहम भाव से दूर रहो ,कटुता मन से दूर करो
ममता की झोली से अपने, ममता का विस्तार करो!!
पूनम श्रीवास्तव