शीर्षक- आ चलें हम भी, इनके हम साथ रहेंआ चलें हम भी, इनके हम साथ रहें।यह फिजां, यह रौनक, हमारे साथ रहें।।आ चलें हम भी,———————–।।महकती वादी हो अपनी, जहाँ हम रहते हैं।शमा हो रोशन वहाँ पर, हम यह चाहते हैं।।अपने घर भी हो खुशी, गम से हम दूर रहें।आ चलें हम भी,———————–।।सफर हो अपना सुहाना, अपना यह ख्वाब है।शहर आबाद हो अपना, दिल का यह ख्वाब है।।स्वर्ग हो अपनी जमीं पे, अमन दिल में भी रहें।आ चलें हम भी,————————।।चांद- सितारों की तरह, अपनी भी हस्ती हो।सबकी तरहां प्यारी, अपनी भी बस्ती हो।।हम भी पंछी की तरहां, गगन की सैर करें।आ चलें हम भी,———————–।।शिक्षक एवं साहित्यकारगुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ादतहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान(Spread the love Post navigation लोग जो पीते हैं शराब, जाकर मयखानें“श्रावण माह व्रत कथा” भाग-३२