अगर जल रही है उस तरफ,
उनके दिल में आग,
नफरत और बदले की तुम्हारे लिए,
तो जलने दीजिए।

लेकिन इस तरफ आप जलाइये,
चिराग अपने दिल में,
ताकि वो इस रोशनी में,
रोशन कर सके खुद को।

क्योंकि आग से नहीं मिलती है,
कभी भी शीतलता,
नहीं होता है रोशन कोई घर,
अधूरी ही होती है दीपावली,
जलकर खाक हो जाता है आदमी।

जबकि चिराग से,
रोशनी होती है शान्ति की,
खुशी और मोहब्बत बढ़ती है,
रौनक बढ़ती है उत्सवों की,
रोशन होती है मंजिल की राहें
और रोशन होते हैं ख्वाब,
मगर तब जबकि,
अगर जल रही है उस तरफ——————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

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Gurudeen Verma

By Gurudeen Verma

एक शिक्षक एवं साहित्यकार(तहसील एवं जिला- बारां, राजस्थान) पोस्टेड स्कूल- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नांदिया, तहसील- पिण्डवाड़ा, जिला- सिरोही(राजस्थान) 2900 से ज्यादा रचनायें

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