“गौरी की इच्छा”

“ग़ौरी कहती हैं! जो आप कहेंगे हम वही करेंगे। किंतु,मेरी कुछ इच्छाएं हैं। पहले आप उन्हें पूरा कीजिए, फिर मैं जाऊंगी। महादेव कहते हैं! कहिए देवी, आपकी क्या इच्छाएं हैं?गौरी कहती हैं! आप तीनों लोकों में सभी संत ऋषि एवं देवताओं को निमंत्रित कर दीजिए।हम भोजन पकाएंगे, आप परोस कर खिलाइएगा।महादेव कहते अवश्य। कल हम सभी को न्यौता भेज रहें हैं। आप भोजन बनाने की तैयारियां शुरू कर दीजिए।गौरी ने छप्पन प्रकार के व्यंजन बनाए। जिसे महादेव ने अपने हाथों से परोस कर सभी संत, ऋषि एवं देवताओं को भोजन कराया।इतने स्वादिष्ट भोजन को कर सभी देवताओं को तृप्ति प्राप्त हुई।तभी मां ‘ग़ौरी’ अन्नपूर्णा के नाम से प्रख्यात हुईं।भले ही महादेव ने पार्वती के साथ रहना स्वीकार किया, किंतु ग़ौरी ने ही महादेव के साथ गृहस्थ जीवन व्यतीत किया।।महादेव कहते हैं! कहिए देवी, अब आपकी क्या इच्छाएं हैं?गौरी कहती हैं! हमें कुछ ऐसे मंत्रों का निर्माण करना है, जिससे बुरे लोगों को दंडित किया जाए एवं अच्छे लोग अपना बचाव कर सकें, काली परछाइयों से। संत को मुक्ति का मार्ग दिखाया जाए।महादेव ने कुछ ऋषि को बुलाकर ग़ौरी की शिक्षाओं का प्रबंध कर दिया।ग़ौरी पूरी तल्लीनता से इस कला को सीखने लगी।एक दिन पीपल के पत्ते पर कुछ मंत्र गौरी ने लिख कर रख दिया।जिन्हें गणेश ने यह कहकर जला दिया, मेरी मां इस मंत्र को नहीं सीख सकती। यह मंत्र तो डायन या ओझाओं का है। जो काली शक्ति को अपने वश में रखते हैं।महादेव ने बहुत मना किया। किंतु, गणेश नहीं माने। तत्पश्चातगणेश ने जब पीपल के उस पत्र को अग्नि के हवाले कर दिया। उन्होंने कहा! कोई भी काली शक्ति मेरी मां के निकट नहीं आ सकती। ‌किंतु महादेव ने, उस पत्र को निकाल कर उसे अपने तरहत से बुझा दिया।जिससे पूरा मंत्र तो जल गया किन्तु, ढाई आखर बच गया। जिसने आज़ भी मृत्यु भुवन में तहलका मचाने में सफलता हासिल कर रखी है।।महादेव कहते हैं! जो भी व्यक्ति इस मंत्र को धारण करेंगे, वो हर वर्ष नवरात्रि के नव दिनों में से षष्टि तिथि के रात्रि बारह बजे के उपरांत इस मंत्र को जाग्रत करेंगे।अपनी मृत्यु के पहले कम से कम एक व्यक्ति को जरूर इस मंत्र का ज्ञान देकर जाएंगे।जिससे इस मंत्र का अंत न हो। इस मंत्र का उल्टा प्रभाव भी है। अगर कोई मंत्र धारक किसी अबला या निर्दोष प्राणी पर अपने निजी स्वार्थ के लिए उपयोग करने का प्रयास करता है तो वो, इस मंत्र को भूल जायेगाऔर उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ जाएगी।महादेव कहते हैं! इस मंत्र की उत्पत्ति ग़ौरी के माध्यम से हुई है। इसलिए इस मंत्र का प्रभाव जिस किसी भी व्यक्ति पर पड़ेगा, वो मां गौरी का आह्वान करते हुए उनके चरणों को मन ही मन सोचते हुए, क्षमा याचना करे। उस कष्ट से मुक्ति पाने के लिए विनती करे।वो उस विपदाओं से मुक्त हो जाएगा।।महादेव गणेश से कहते हैं!काली शक्ति आप की मां का कोई नुकसान नहीं करेगी।काली शक्तियों से समस्त संसार को बचाने में सहायक होंगी, आपकी मां। समस्त संसार में ही नहीं, अपितु तीनों लोकों में काल को हराने का सामर्थ्य आपकी मां में ही है।इसलिए आप चिंतित न हों।।गौरी कहती हैं! महादेव, कालों के काल तो आप ही हैं। फिर हमारे समक्ष किसी काली शक्ति की क्या सामर्थ्य। ‌क्रमशः अम्बिका झा ✍️

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