बीता हुआ वो कल
याद बहुत है आते
खट्टी-मीठी, अच्छे-बुरे
वो यादें, हमे सताते ।।
काश लौट जाऊं
उस पल ,फिर से मैं
मीठी यादों के संग
उस पल को जीयू मैं ।।
कुछ कड़वी यादें
टीस भी दे जाती
उन पलों को यादकर
आंखे भर है आती ।।
बीता हुआ वो कल
गुजर ही तो गया
फिर नए उमंग के साथ
नया दिवस जो आया ।।
भूले -बिसरे यादों के संग
जिंदगी जीना, है हमें
कड़वे पलो से, सीख ले
जीवनपथ पे ,चलना है हमें ।।
मनीषा ठाकुर (कर्नाटक)