लवली की यह दुसरी शादी है। पहली शादी से लवली को एक लड़की थी। जिसे वह ब्याह कर अपने साथ ले आई है।
लवली के पहले पति का स्वर्गवास उस समय हुआ था जब उनकी बेटी रोशनी सिर्फ २ महीने की थी। आज मां के लालन-पालन से रोशनी ६ बरस की हो चुकी है।
रोशनी वो बच्ची है जिसने अपने साथ के बढ़ते बच्चों को पिता के सान्निध्य में बढ़ते देखा। पिता के साथ घुमने जाना, पिता के लाए हुए खिलौनों से खेलने का सौभाग्य उसके नसीब में न था।
ऐसा नहीं कि मां ने कोई कमी रखी थी, वरन् लवली रोशनी को पिता के प्यार की कमी महसूस ना हो उसके लिए निरंतर प्रयास करती रहती है। दो महीने की बच्ची को जब उसके पिता दिल के दौरे के कारण छोड़ कर चल बसे, घर वालों ने उन्हें अपने घर का सर्वस्व मानकर वापस ले आना ठीक समझा ।
दरअसल लवली और दीलिप ने लव मैरिज की थी। वो दोनों बहुत खुश थे, लेकिन घर वाले नाराज़ थे । अतः दोनों को घर वालों का साथ नहीं मिला और कोर्ट में दोनों की शादी हुई थी। माता पिता दोनों ही ऊपर से नाराज़ थे लेकिन अंदर से दोनों को याद किया करते थे। होनी को कौन टाल सकता है, काश दोनों के परिवार पहले ही मान गए होते तो कुछ दिन हंसी ख़ुशी साथ बिताने को भी मिलते ।
दीलिप की असमय मौत के बारे में सुनकर उसके माता-पिता को बहुत बड़ा धक्का लगा, वे तो ऐसे टूट चूके थे जैसे एक इमारत भूकंप के झटके से टूट कर बिखर जाती है। लवली के माता-पिता भी लवली की सुध लेने ख़बर मिलते ही दौड़े चले आए। दोनों ही पक्ष लवली को अपने साथ ले जाना चाहते थे मगर लवली ने अपने पर ससुराल वालों का हक ज्यादा मानते हुए वहां जाना स्वीकार किया ।
कौन जानता था कि यह दिन भी देखने नसीब होंगे नाम से ही जिसके उसका गुण झलकता है वह लवली आज फिकी हो चुकी थी। धीरे धीरे समय के साथ रोशनी बड़ी होती चली गई तो साथ साथ जैसे मां के अरमान भी बड़े हुए । सारा दिन रोशनी के साथ निकल जाता था। लवली घर पर ही ट्यूशन लेती थी क्योंकि वह बाहर जाकर एक मिनट भी रोशनी को अकेले छोड़ना नहीं चाहती थी । रोशनी में उसकी जान बसती थी ।
रोशनी की ही क्लास में एक और लड़की थी जिसकी मां नहीं थी। रोशनी और सुमन ने मिलकर निश्चित किया कि वे अपने मम्मी पापा की शादी करवा लेंगे मगर यह आसन नहीं था ।
” शादी गुड्डे गुड़ियों का खेल नहीं है ” ,कहते हुए लवली ने रोशनी को डांट दिया। ऐसा ही कुछ जवाब सुमन को भी अपने पापा से मिला ।
” यार हमने स्कूल में कित्ती परीक्षाएं दी है ये परीक्षा तो उससे भी ज्यादा बड़ी है! ” ,कहते हुए छोटी सी रोशनी ने सिर पकड़ लिया ।
” हां यार सभी बोलते हैं जिंदगी परीक्षा है, अब पत्ता चला ! ” , मूंह बनाते हुए सुमन ने कहा ।
” आईडिया “
किसने कहा, किससे कहा, क्या कहा ? यह सब जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ क्योंकि कहानी का अगला भाग जल्द आ रहा है ।
धन्यवाद जी
आपकी अपनी( Deep )