आंधी-तूफानों से लड़ना सिखाते,
हर मुश्किल में जो साथ निभाते,
सौभाग्यशाली वह जिसने है पाया,
हर मुश्किल में मिलती बड़ों की छाया।
धैर्य की प्रतिमा, अनुभव की खान,
देते सदा खुश रहने का वरदान,
जड़ बिन तरु कहां ऊंचाई को पाया,
हर मुश्किल में मिलती बड़ों की छाया।
मत करो अपमान दो उन्हें सम्मान,
देवतुल्य उनके चरण जिसमें चारों धाम,
उनसे ही तुमने यह जीवन है पाया,
हर मुश्किल में मिलती बड़ों की छाया।
रंजना लता
समस्तीपुर, बिहार
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

<p><img class="aligncenter wp-image-5046" src="https://rashmirathi.in/wp-content/uploads/2024/04/20240407_145205-150x150.png" alt="" width="107" height="107" /></p>