मन के सारे द्वेष मिटा दो
क्रोध,नफरत,अहंकार जला दो
ऐसी यह नई प्रथा चलाओ
अबकी बार की होली में

प्यार का ऐसा रंग उड़ाओ
सारा जहां उसमे रंग जाए
दूजा कोई रंग नजर न आए
अबकी बार की होली में

भूलकर सारे शिकवे गिले
प्यार सेगले मिल जाएं
सारी बुराईयों को जला दें
अबकी बार की होली में।

न करेगे अन्याय किसी पर
और नही अन्याय करेगे सहन
किसी के दुख का कारण न बने
लें यही शपथ अबकी बार की होली में
अबकी बार की होली में।

आप सभी को होली, महिला दिवस की
बहुत बहुत शुभकामनाएं

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