आज नहीं तो कल निकलेगा
हर मुश्किल का हल निकलेगा
बस कोशिश करता जा तू
मत डर कर हिम्मत और चलता जा तू ।।
देख खुदको और पहचान तू
उगते सूरज की है मुस्कान तू
कोयले की खान से सोना बनकर निकलता जा तू
मत डर कर हिम्मत और चलता जा तू।।
मन का विश्वास जगा, रगों में साहस भर लें
भले ही चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसल लें
मत हार हिम्मत चढ़ ,गिर ,फिर चढ़ता जा तू
मत डर ,कर हिम्मत और चलता जा तू।।
मोतीयों का गहरे पानीयों में मिलना आसान तो नहीं होगी
सोचता क्या है मुट्ठी तेरी हर बार खाली तो नहीं होगी
आज मुश्किल भले ही बहुत है ,पर कल ये कम तो होगी
मत डर ,कर हिम्मत एक दिन किसी फ़कीर की किस्मत भी राजा सी होगी।।
जब जीवन संघर्ष ही है तो छोड़कर मत भाग तू
खुदको देख क्या कमी है फिर उसको सुधार तू
यही वो खेल था जो तूने जाना नहीं
खिलौनों को खेलना है उनको सजाना नहीं
सागर से यूँ ही नदियाँ नहीं मिलती,पत्थर को काट कर ही तो ये आगे है बढ़ती
फिर क्यूं बैठा ऐसे हैरान तू ,मत डर ,कर हिम्मत और चलता जा तू।।