हर खेत, खलिहान, गांव, बाज़ार में सियासत है
सच पढ़ने को उठाओ तो अखबार में सियासत है
एक पर एक कई चेहरे लगा रखे हैं लोगों ने
आज कल लोगों के व्यवहार में सियासत है
एक ही लहू, एक ही बदन, एक जैसे बने हैं सभी
मुल्क भी अपना है फिर भी आपस में अदावत है
हिन्दू हो , मुस्लिम हो , सिख हो , ईसाई हो
किसी एक की नहीं, ये मुल्क सब की रियासत है
धर्म के नाम पर जो फैला रहा है दुश्मनी
कह दो उसे संभल जाए,ये देश हमारी विरासत है