बीत रहा साल बहुत बहुत बड़ा शिक्षक है। 
सिखाया मां की ममता अपनों की परवाह।। 
परीक्षा जीवन बचाने की  हर दिन प्रार्थना करने की। 
ज्ञान विज्ञान के साथ परंपरा सहेजने की।। 
आज भी जाते जाते कर रहा है आगाह सजगता बरतने की। 
कोरोना की तीसरी लहर मौत की दस्तक है संघर्ष की।। 
आने वाला साल सिखायेगा धैर्य ,साहस, सांस सांस की कीमत। 
सजग होकर भी हम सबको अपनी देनी होगी अपनी जिम्मेदारी ।।
स्वरचित मौलिक अप्रकाशित सर्वाधिकार सुरक्षित डॉक्टर आशा श्रीवास्तव जबलपुर
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