जगनुओं को रोशनी का यूं पता देता हूं मैं
जल रहे कमरे की बत्ती को बुझा देता हूं मैं
है मुझे मालूम तेरा दिल जलाता हूं फिर भी
बुझ सके ना आग दिल की सो हवा देता हूं मैं
आपके गुरूर में कोई खलल ना पड़ जाए
शोर दिल का इसलिए दिल में दबा देता हूं मैं
इस ज़माने से मिरे रिश्ते अलग हैं थोड़े से
लोग देते हैं दगा तो मुस्कुरा देता हूं मैं
यार कहते हैं सुनाओ इश्क के किस्से अपने 
और अपनी एक दो गज़लें सुना देता हूं मैं
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विवेक विस्तार
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