भीखू,लतिका , नाहर,जॉन  इन बच्चों को शहर के चौराहे पर लगे ट्रैफिक सिग्नल पर छोड़ आ।
20 बच्चों में से हर एक को 5 ,5 बच्चे  देते हुए संपत ने कहा।
बच्चों की उम्र करीब 3 साल से 14 साल तक की थी।
लतिका सबसे छोटे बच्चे को अपनी गोदी में ले लेती ,और ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ी और बच्चों पर निगाह रखती ।
दिया जो उन सभी बच्चों में बड़ी थी वह रिंकू को अपनी गोद में ले  भीख मांगती ।
बच्चों को हिदायत थी  कि वे किसी भी व्यक्ति  से कोई बात न करें।
 और बचे  बच्चों को  साथ लेकर संपत को मंदिर निकलता।
संपत इस गिरोह का सरगना ,उसके तार बहुत दूर दूर तक थे । गिरोह में बच्चों को ट्रेनिंग रुही देती थी ।रुही जिसे संपत अपने प्यार के जाल में फांस सालों पहले लखनऊ ले आया था ,तब से ये दोनों अपना गिरोह चलाने लगे थे।ये लोग बच्चा चोर गिरोह  के  संपर्क में  भी रहते ।
सभी शाम को मिलते और पूरे दिन का हिसाब होता जो ज्यादा कमाई देता उसे शाबाशी मिलती ,और कठिन टास्क दिया जाता।
बिल्लू सबसे कम पैसे लाया था,कारण ये की उसने चुपके से कुछ पैसे के चाट खा लिए थे।ये बात राजू ने बता दिया ,जिसकी वजह से बिल्लू की खूब पिटाई हुई ,और उसे खाना भी नहीं दिया गया।
मार पिटाई ,तो रोज का ही काम था।अब संपत कुछ नया ही करने वाला था उसने रूही को कहा ,ये बिल्लू कुछ ज्यादा उछल रहा है,क्यों न इसकी आंखें फोड़ दी जाए या कहो इसे लंगड़ा बना दिया जाए।
रूही सहम गई अरे नहीं जाने दो ,इस बार इसे बुरी तरह डरा दो ,अगर न माना तो जो दिल में आए करना।
दिया अब जवान हो रही ,उसका क्या करना है ,रूही ने बात बदलते कहा।
संपत हंसा हां , तूने सही याद कराया ,मुन्नी देवी से बात हो गई है,किसी दिन आएंगी देखने।
दिया एक 14 साल की बच्ची ,संपत और रूही अब उसे देह व्यापार में धकेलने वाले थे ।
 मुन्नी देवी जो सामाजिक संगठन की आड़ में बड़े बड़े घरों में कमसिन लड़कियां भेजती थी ,वह आई और दिया को पसंद करके चली गई।
दिया और दूसरे बच्चों को दूसरे  कमरे में भेज दिया गया।
संपत और रूही ने 2 लाख में दिया का सौदा कर दिया।
कल रहमान आने वाला था ,रकम देकर दिया को ले जाने।दिया ने ये बातें सुन ली थी।
दिया का सौदा होने  की खुशी में संपत और रूही ने खूब शराब पी,और बच्चों को भी उस दिन अच्छा खाना दिया गया।
दिया जब छोटे रिंकू के साथ भीख मांगने जाती थी,तो अहसास नाम की संस्था जो बच्चों को भिक्षावृत्ति से बचाती थी  उसकी सदस्य मालती उससे मिली थी ।
बहुत मुश्किल से लतिका की नजर बचा उसने एक नंबर दिया था।
दिया, उन सबके नशे में होने के बाद चुप चाप  दरवाजा खोल निकल गई ,और सड़क पर आ गई।वहीं एक भले मानुष को वो नंबर दे ,फोन करवा सारी स्थिति बताई।
थोड़ी देर में पुलिस के साथ अहसास संस्था के लोग दिया के द्वारा बताए संपत के अड्डे पर पहुंच गए।
पुलिस ने संपत ,रूही को गिरफ्तार किया,उसकी निशानदेही पर कई लोग पकड़े गए,जो बच्चों को  बस स्टैंड,हॉस्पिटल,रेलवे स्टेशन से  बहला फुसला कर लाते थे।
पुलिस ने धारा 372,धारा 76 ,संपत और रूही के ऊपर दर्ज की ।
 धारा 76 के तहत जिसमें छोटे  बच्चों से भिक्षावृति  कराने पर 5 साल की सजा और 1 लाख रुपए जुर्माना साथ ही साथ धारा 372  जिसके तहत 18 साल से कम नाबालिग को वेश्यावृति की ओर धकेलने पर 10 वर्ष कारावास और जुर्माने का प्रावधान है।
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