सोशल मीडिया और हम
आजकल के ज़माने मे बहुत जुड़ गए है
सुबह से लेकर देर रात तक
थोड़ा भी वक़्त मिलते ही
मोबाइल हाथ मे दिखने लगता है
लगाव भी इतना है की
भले खाना पिना छूट जाए किसी दिन
लेकिन सोशल मिडिया पर
देश दुनिया की खबरें सुनना
दूर दूर के दोस्तों से चैटिंग करना नहीं
सोशल मिडिया के चलते ही
कुछ ऐसे लोग भी मिल जाते है
जिनसे कोई रिश्ता न होकर भी
अपनेपन से हमारे ज़िन्दगी के हिस्सा बन जाते है
जिनसे बात करके या कुछ मन के बात साँझा करके
दिल को सुकून सा मिलता है
कहाँ इतना आसान होता हमारे लिए
जो अब देश बिदेश की खबरें बैठे बैठे जान लेते है
जाने कितने लोग बड़े आसानी से
सोशल मिडिया के जरिये ही
ज़िन्दगी व दुनिया के प्रति
अपने मन के बिचार भी साँझा कर लेते है
सोशल मिडिया के चलते ही
हमे बिभिन्न प्रकार के लोगो से
पहचान व जानकारी होजाती है
आजकल तो स्कूल व कॉलेज बंद होने पर
पढ़ाई भी आसानी से ऑनलाइन होने लगी
कयी लोग दुनिया के एक कोने से
अपना ब्यापार देश बिदेशो मे भी फैलाने लगे है
सोशल मिडिया के माध्यम से ही
तरह तरह की प्लेटफार्म मिल जाते है
जिससे हम जो घर से बाहर निकल कर
अपनी पहचान नहीं बना पाते
वो हम अपने घर बैठे ही
अपने सपनो व ख्वाहिशो को
एक हँसी उड़ान देने मे सफल होने लगे है
यहाँ तक तो ठीक है पर
इन अच्छाइयो के अलावा
बहुत बुरे नतीजा भी दिखने लगे है
इस सोशल मिडिया पर
कोई किसीके ज़िन्दगी को मज़ाक बना देते है
तो कुछ लोग लड़कियों को
ज़लील व बेज़्ज़ती करके
उनकी ज़िन्दगी ही खत्म कर देते है
अपने स्वार्थ और ईगो मे आकर
किसी के भी तस्वीर या विडिओ वायरल करना
गंधी गंधी बाते लिख कर
अपने साथ साथ अपने परिवार को भी
समाज के और दुनिया के सामने झुका देते है
पर इन्हे कहाँ कुछ फर्क पढ़ता है
ऐसी बातों से ज़िन्दगी बस खिलवाड़ लगता है
बड़ो की तो बात ही अलग है
लेकिन आजकल के बच्चे भी
बचपन से ही पढ़ाई से ज्यादा
सोशल मिडिया के आदत लगने लगे है
जैसे एक ज़िद्द ही बन चूका उनके लिए
अगर फ़ोन हाथ मे होगा
तभी वो खाना खायेंगे या दूध पियेंगे
सही कहा गया है दुनिया मे
जहाँ अच्छाई रहता है
वहाँ बुराई भी अपना पैर फैला बैठता है
ये हम पर निर्भर है की
ज़िन्दगी मे किस राह को चुने
क्योकि ये ज़िन्दगी तो हमें ही जिनि है
अच्छा हो या बुरा इसका हिसाब
उस ईश्वर को हमें ही एक दिन देने है…..!!
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नैना…✍️✍️