भगवान तुम्हारी दुनियाँ में 
क्यों भ्रष्टाचारी जीते हैं 
दिल दौलत वाले दौलत बिन
 बेमौत ही मारे जाते हैं
 विनय दौलत के कमजोर बने 
दौलत से ताकत आती है
 विन दौलत केअपमान मिले
 दौलत से इज्ज़त मिलती है
 दौलत वाले सुबह और शाम
 गरीबों को अपमान दिलाते हैं
भगवान तुम्हारी दुनियाँ में क्यों —
 दौलत से खेल रहे जुआ 
ताकत से पासा पलट रहे
 दौलत से खिला रहे जुआ 
ताकत से बाजी जीत रहे 
कभी वीस ब्याज पच्चीस 
कभी घंटे में दुगना बनाते हैं 
भगवान तुम्हारी दुनियाँ में क्यों—
 दौलत से शीश काटते हैं
 दौलत देकर  कटवाते हैं 
दौलत से थाना खरीदत है 
दौलत से केस जीतते  हैं
 दौलत वाले निर्दोषों को 
फाँसी की सजा कराते हैं
 भगवान तुम्हारी दुनियाँ में क्यों —
 वड़ी वड़ी बैंक लूटते गार्ड
 मैनेजर से मिल जाते हैं 
भरके पैसा थाने में ये 
वेदाग निकल जाते हैं 
पहने घूमते सूट-बूट सब 
मिल सलामी करते हैं 
भगवान तुम्हारी दुनियाँ में क्यों —
दौलत है शोहरत मिलती है 
दौलत से औरत भाव लगे 
दौलत वाले औरत को देख 
जैस मीट देख कौआ काँव करे
 दौलत वाले औरत के पीछे 
कौओं की तरह मँड़राते हैं 
भगवान तुम्हारी दुनियाँ में क्यों—
इस दुनियाँ की क्या नीति है 
नीति नहीं अनीति है 
भगवान इस दुनिया से पूँछो 
दुर्बल पर क्या यहाँ वीती है 
इस दुनियाँ की हालत देख 
पुँढीर के आँसू भर आते हैं 
भगवान तुम्हारी दुनिया में क्यों–
               

स्वरचित 

      कवयित्री राजवाला पुँढीर
           एटा ,उत्तर प्रदेश
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