पर्यावरण और प्रदूषण,
जैसे रावण और विभीषण,
कटते वृक्ष घटता है जीवन,
दुखी है देखकर सब यह मन,
संकल्प लें या कर ले वृक्षारोपण तपती तपिश, बढ़ता जा रहा है तर्पण,
न जून 5 ही न हो विचाराधीन पर्यावरण,
संकल्प प्रति व्यक्ति हो आत्मसमर्पण, 
प्रत्येक वर्ष एक वृक्ष सृष्टि को अर्पण, 
जन्मदिवस के कटे ना कटे, प्रत्येक आयोजन वृक्ष अवश्य बटे,
होने को धरा में बीजारोपण, मैं भी लेती हूं इस बात का प्रण,
आप सभी से भी करती हूं निवेदन, 
 है नित दिवस पर्यावरण, 
ले संकल्प कर दे बीजारोपण ना होगा कठिन शुद्ध ही होगा अपना मन 
शुद्ध भी हो सकेगा पर्यावरण।।
-भारती प्रवीण..✍️💕
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *