प्रकृति दूर करती विपत्ति,
मां स्वरूपी होती संस्तुति,
जल थल प्रकाश पवन करते जीवन का सर्जन,
उपहार ये मुफ्त में मिले- छोटा, बड़ा, अमीर, गरीब सबके लिए,
सबल है यह शांत संपत्ति मत आंको कम इसकी शक्ति,
दोहन होगा तो करेगी नाश छीन लेगी सबकी सांस,
संतुलन है मंत्र इसका अपार जन, पशु, पक्षी से इसको प्यार।।
प्रिया धामा
भिलाई, छत्तीसगढ़
#चित्रार्थी