आज पंडित मदन मोहन मालवीय
का जन्म दिवस
यह जीवन की शिक्षा का दिन
पावन आत्मपरीक्षा का दिन
मानवता की इच्छा का दिन
जगती का कण-कण हर्षाया
भारतिय संस्कृति के प्रतिक थे
जिसने खुशियाँ दी जीवन को
कोटि-कोटि दलित जनों को
सरल कर दिया जीवन रण को
ऊँच-नीच का भेद मिटाया
अंग्रेजो के खिलाफ असहयोग
आंदोलन चलाया
सत्य प्रेम का पथ अपना कर
क्षमा, कर्म के भाव जगा कर
स्वर्ग उतारा था वसुधा पर
युग का था अभिशाप मिटाया
साइमन कमिशन के खिलाफ आवाज उठाया
मीठी मीठी वाणी
गूँज रही जानी पहचानी
अमर हुए तुम जीवन-दानी
घर-घर नव प्रकाश लहराया
अंग्रेज़ो के खिलाफ इतिहास रचाया
तुमने अपना आप गँवाकर
दानवता के बाग़ मिटाकर
सबके आगे माथ झुकाकर
मानवता का मान बढाया
गांधी जी के साथ मिलकर,
हिंदुस्तान को मुक्त कराया
न्याय के लिए सनातन धर्म प्रिय था
ऋषियों के प्राणवान स्मारक था
दुखियों के आसूं पोछने वाले
विश्वनाथ मंदिर की स्थापत्य आलंकरण
भारतिय संस्कृति के प्रतिक थे
रंजना झा