खाकी रंग की वर्दी होती, 
    कंधे पे एक झोला, 
साइकिल पे सवार हो कर, 
 लाता था डाकिया डाक , 
घंटी की सुनकर अवाज , 
सब लगाते एक साथ साज, 
हमारी चिठ्ठी आई है आज, 
सबके लिए संदेश लाता, , 
सबकी खुशियाँ घर पहुचाता, 
कागज के टुकड़े को बडे़ प्यार से वो लाता, 
जिसको पढ़ना न आता उसे पढ़ कर वो सुनाता, 
बारिश हो या धुप  अपनी डयूटी  खूब निभाता, 
       ऐसे डाकिया डाक लाता ।।
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