जो मन राम भजन में लगाने।
जिनगी सुख चैन बिताने।।
मोरो मोरो करत बिरथा काम नसाने।।
मन माया ऐसी लपटाने।
दुरगुन हाथ बिकाने।।
उमिर बीत गई जोरत जोरत।
बने ने ताने बाने।।
आशा कहे चेत जाव मनवा।
का मिल गौ का चाने ।।
स्वरचित मौलिक अप्रकाशित सर्वाधिकार सुरक्षित डॉक्टर आशा श्रीवास्तव जबलपुर