नूतन वर्ष के नव प्रभात,की नई रश्मियाँ।
जीवन में लाये ये साल,सैकड़ों खुशियाँ।।
जिन दुःखों से गुजरे हैं,2020 व 21 में।
उनका कोई नाम निशा,न हो 2022 में।।
जीवन का तिमिर छाँट,लाये खुशहाली।
रहें ख़ुशी सुखी निरोग,एवं भाग्यशाली।।
माँ सरस्वती लक्ष्मी की,कृपा नित बरसे।
जीवन में करें तरक्की,रहें समृद्धिशाली।।
दूर सभी दुःख दारिद्र,एवं हो बेरोजगारी।
निश दिन करें विकास, हरेक कारोबारी।।
कष्ट मिटे उनका,जो पाए मजदूर प्रवासी।
चेहरे सब खिल जाएं,ना हो कोई उदासी।।
दुःख सुख दोनों होता,जीवन का हिस्सा।
प्रभु से है प्रार्थना बने,कोरोना ये किस्सा।।
कोरोना चपेट में अब,ना कोई आने पाये।
इस कारण ही विश्व में,लाखों दुःख पाये।।
पथ प्रसस्थ हो आपका, मान बड़े सम्मान।
दूर सदा उनसे रहिए,भरते रहते जो कान।।
जीवन रहे प्रसन्न व,शरीर रहे आरोग्यमस्त।
2022 में परिवार में,रहे न कोई रोग ग्रस्त।।
नववर्ष, मकर संक्रांति, लोहड़ी की बधाई।
गणतंत्र दिवस की भी,मेरी सब को बधाई।।
हे प्रभु हर विपदा से,हमसब को रखना दूर।
ऐसा कोई कष्ट न आये,ना हो कोई मजबूर।।
नववर्ष ये जो आया है,ये शुभ हो सुमंगल हो।
नया वर्ष मंगलमय हो,यह वर्ष मंगलमय हो।।
नववर्ष मंगलमय हो,ये नववर्ष मंगलमय हो।
मानवता संवेदना हो, प्रभु तेरी जय-जय हो।।
सभी दोस्तों परिजनों,व नागरिकों सपरिवार।
नववर्ष पर मेरी हार्दिक,बधाई करें स्वीकार।।
रचयिता :
डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पीबी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.