सूरज की किरणें जब खिलखिलाती है,

अपने संग सुंदर सा पैगाम लाती है,
जन्म बड़ा अनमोल है, जग रोशन कर लो,
उम्मीदों की एक डोर से, आंचल को भर लो,
सूर्यास्त का भी,अंदाज निराला है,
मदहोश मस्ती में, थोड़ा मतवाला है,
चुपके से आ जाता है, आंखों में ख्वाब सजाता है,
थकान रूपी नैनो को लोरी दे जाता है,
एक रात आती है पैगाम लाती है,
अंधकार में भी कुछ कह जाती है, 
एक सुबह होती है जगमगाती है ,
एक ऊर्जा रूपी, संदेश दे जाती है,
सूर्य अस्त उदय का, एक ताना-बाना है,
कभी खुशी कभी गम का, बस एक बहाना है,
संगीता वर्मा ✍️✍️……..
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