तिल भर भी प्रभु की विस्मृति ना हो,
तिल भर भी नाम सेवा ना छूटे,
तिल भर भी श्री जी की रूप नेत्र न हटें,
गुड सी मीठी वाणी हो, गुड से मीठे सब संबंध,
गुड की डली सी मिठास से भर जाए मन
डोर प्रभु के हाथ में हो और
पतंग सा नाम आपका अंबर पर छाए;
सात घोड़ों के रथ पर सवार
संक्रांति के सूर्य जीवन में सतरंगी खुशियाँ लाए।
मकर संक्रांति की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं !!