हिम्मत मत हार ऐ वीर योद्धाओं,
कि आखिर में जीत तुम्हारी ही होगी।
रात चाहे कितनी ही काली हो,
एक रोज इसकी सुबह तो होगी।।
कठिन दौर है, परीक्षा की घड़ी है,
अपनी काबिलियत साबित करनी ही होगी।
हिम्मत मत हार ऐ वीर योद्धाओं,
कि आखिर में जीत तुम्हारी ही होंगी।।
पहले भी झेली हैं, कईं विपदायें तुमने,
इस बार भी फतह हासिल करनी ही होगी।
हिम्मत मत हार ऐ वीर योद्धाओं,
कि आखिर में जीत तुम्हारी ही होंगी।।
देखा है पत्थरों को चीर, बहते झरने को,
इस मुश्किल को भी आसान करनी ही होगी।
हिम्मत मत हार ऐ वीर योद्धाओं,
कि आखिर में जीत तुम्हारी ही होंगी।।
दुनिया की नजर है अब तुम्हारी तरफ़,
उनकी खुशियां उन्हें लौटानी ही होगी।
हिम्मत मत हार ऐ वीर योद्धाओं,
कि आखिर में जीत तुम्हारी ही होंगी।।
हमें है यकीं कि एक दिन बदलेंगे हालात,
आखिर कबतक ये आंधियां चलती हीं रहेंगी।
हिम्मत मत हार ऐ वीर योद्धाओं,
कि आखिर में जीत तुम्हारी ही होंगी।।
अपने कर्त्तव्य-पथ पर डटें रहें सभी,
असल में यही ईश्वर की इबादत होगी।
हिम्मत मत हार ऐ वीर योद्धाओं,
कि आखिर में जीत तुम्हारी ही होंगी।।
रंजना लता
समस्तीपुर, बिहार