अंगुलियों से तुम डोर
चल ले चलूं
तुम्हें मां सरस्वती की ओर
चकाचौंध करेंगी तुम्हें उजाले
मेरी आंचल तले शितलता है घनघोर
चल ले चलूं
तुम्हें नई दुनिया की ओर
डगमगाते पग धरो
क्षतिज की ओर
चल ले चलूं
तुम्हें संघर्ष भरी दुनिया की ओर
लो थाम लो
अंगुलियों से तुम डोर
निर्भय हो भरो उड़ान
संग तुम्हारे है अभी ममता की डोर
चल लें चलूं
तुम्हें मां सरस्वती की ओर
सुर संगीत करें स्वागत
“ऐं” ध्वनि बोल
चलो मां सरस्वती की ओर
लो थाम लो
अंगुलियों से तुम डोर
चल लें चलूं
तुम्हें मां सरस्वती की ओर
प्रिया प्रसाद ✍️