हमारे देश की सेना में,समुंदर के भी सिपाही हैं।
समुंदर के हैं पहरेदार,वतन के सच्चे सिपाही हैं।
नेबलफोर्स का जांबाज,जहाजों का सिपाही हैं।
समुंदर में चौकसी में,हमेशा रहते वे सिपाही हैं।
भारत की सेनाओं में,जरूरी यह भी नौसेना है।
पनडुब्बियों में भी है,जल जहाजों में नौसेना है।
हमेशा ही समुंदर में,किनारों पर रही नौसेना है।
युद्धक साजोसामान से,सजी अपनी नौसेना है।
दुश्मनों की हरकतों पर,नजर रखती ये सेना है।
किसी खतरे में करती है,सुरक्षा यह जो सेना है।
किसीभी जंग में आती है,बड़े ये काम की सेना।
समुद्री हमलों को ये थामें,जवाब देती यह सेना।
कोईजब युद्ध छिड़ता है,ये तीनों सेनाएं लड़ती।
वायु में हवाई जहाजों से,वायु सेनाएं है लड़ती।
जमीं पर टैंकों तोपों से,ये थल सेनाएं हैं लड़ती।
समुंदर से समुंदर में शत्रु, से नौसेनाएं हैं लड़ती।
देश रक्षा में रहती हैं तीनों,ये सेनाएं सिपाही हैं।
कठिन ड्यूटी पे रहते हैं,सदा सेनाएं सिपाही हैं।
यह सच्चे देश रक्षक हैं,जलसेना के सिपाही हैं।
हमारे वतन के पहरेदार,यह समुंदर सिपाही हैं।
रचयिता :
डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव
वरिष्ठ प्रवक्ता-पीबी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
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