धारावाहिक भाग -२

मुन्नी के साथ जो हुआ वह बहुत दर्दनाक था। किन्तु अभी इससे भी बड़ा मुसीबत  ,आगे उसका इंतजार कर रहा था ।शायद उसके किस्मत में यह लिखा था । “बहुत दिनों तक मुन्नी अपने पिता के घर रहने के बाद ।जब वह ठीक हो गई तो वह वापस अपने पति के घर  गई वहां, जाकर उसे पता चला कि उसका पति दूसरा शादी कर लिया था। “

“अरे देखो तुम्हारी रखैल आई है ” उसकी सौतन ने उसका मजाक उड़ाते हुए कहा”” तो दूसरी शादी कर लीयो ” मुन्नी ने हैरानी से पूछा ।”ओ छोरी तू किसी की बीबी बनने के लायक नहीं बल्कि रखैल बनने के लायक है।”ऐसे भी तेरे पास बचा ही क्या है जो मैंने छोड़ा था  वह सारी कसर तो पुलिसवालों ने पूरी कर दी  होगी ” उसका पति बोला ।बहुत खरी खोटि सुनने के बाद मुन्नी वहां से वापस आ गई लेकिन अब उसकी लाइफ में सबसे अलग मोड़ आने वाला था ।अब वह पहले वाली मुन्नी नहीं थी ।वह एक डाकू के गैंग में शामिल हो गई ,जिसका सरदार विकास था।उस गैंग का जो “सरदार “था वह मुन्नी को गोली चलाने सिखाता था । बाद में वह मुन्नी पर आकर्षित हो गया ।यह सब देखकर उस गैंग में एक लड़का था जिसका नाम विक्रम था उसे ये सब देखकर जलन होने लगी ।आखिरकार उसने विकास को गोली मार दी और खुद मुन्नी से शादी कर लिया।मुन्नी के अलावा उस गैंग के सारे लोग राजपूत थे ।विकास की मृत्यु की  बात आग कि तरह चारो तरफ फैल गई । सबको पता था कि विकाश कि मृत्यु की वजह मुन्नी है।राजपूत गैंग के कुछ लोग ठाकुरों में मिले हुआ थे।घूमते घूमते जब मुन्नी अपने पहले पति के गांव पहुंची तो जो हुआ उसका उम्मीद भी नहीं किया जा सकता है।”मुन्नी अपने साथ कुछ  ही लोगो को ले गई थी। अचानक ठाकुरों ने उनपर हमला कर दिया ,और मुन्नी को किडनेप कर लिया। फिर लगातार मुन्नी के साथ 22 दिन तक दरिंदों के तरह बलात्कार किया ।यह घटना यह दिन ,इतिहास में छप गया। इस घटना से मुन्नी पूरी तरह बदल गई ।जब ठाकुरों का मन भर गया तो वह मुन्नी को कूड़े के डेर में फैक कर चले गए।””साथ ही साथ मुन्नी के पिता को ठाकुरों ने कोड़ा से बहुत पीटा और उसके मां को भी अपमानित किया ।राजपूत गैंग में जिससे उसकी शादी हुई थी ।वह मुन्नी को ढूंढ कर लाया और देखभाल किया । जब वह ठीक हो गई तो ठाकुरों को पता चल गया वह फिर वहां आयें और मुन्नी के बहुत से साथियों को गोली से भून दिया इस बीच विक्रम भी मारा गया ।अब मुन्नी अकेली पड़ गई थी “।अच्छी बात तो यह थी कि इस लड़ाई में मुन्नी ने भी ठाकुरों के दो साथियों को गोली से उड़ा दिया था।”ओ छोरी में बहुत  गर्मी आ गई है ,लगता है भूल गई वह दिन याद दिलाना पड़ेगा  ठाकुरों ने मुन्नी का मजाक बनाते हुए कहा “”हो सके तो याद दिला के दिखा ठाकुर तीव्र आवाज में मुन्नी ने जवाब दिया “ठाकुर: पकड़ ले छोरी को बहुत गर्मी आ गई है साली में।मुन्नी: पकड़ सके तो पड़क ले ठाकुर मुन्नी अपने घोड़े पर सवार हुई और चल दी वहां से जाते जाते कहते गई अपनी उल्टी गिनती सुरु कर दे।

क्रमशः

गौरी तिवारी ,भागलपुर बिहार

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Gouri tiwari

By Gouri tiwari

I am student as well as a writer

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