ग्रहों की चाल का जीवन में महत्व प्रभाव है।
मिट्टी छुये  बने सोना  कभी हरेक अभाव है।
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड  विभाजित है 360 अंशों में।
हमारी हर राशियाँ विभाजित है 30 अंशों में।
हमारे ब्रह्माण्ड में कुल राशियाँ ये 12 होती हैं।
नक्षत्रों कीभी कुल संख्या मिलाके 9 होती है।
हमारी हरेक राशि विभाजित है 30 अंशों में।
इन्हीं 12 राशियों का योग यह 360 अंशों में।
हर ग्रह की गति राशि की 30 डिग्री सीमा है।
इसे पार करनेकी भी भिन्न-2 समय सीमा है।
ग्रहों की इस गतिशीलता को गोचर कहते हैं।
इसे मौजूदा ग्रहकी राशिगत स्थिति कहते हैं।
सूर्य चंद्रमा  मंगल बुध गुरू  सब ग्रह होते हैं।
शुक्र शनि राहु एवं केतु सहित 9 ग्रह होते हैं।
इन9 ग्रहों में सबसे तेज गति चंद्र में होता है।
ग्रह चाल से येसारा जीवन प्रभावित होता है। 
ग्रहों के गति से ज्ञान होता ये जीवन कैसा है।
ज्योतिषीय गणनाओं से पता लगे ये कैसा है।
ग्रहों के चाल सेही पता लगे आपका ये हाल।
ग्रहों के चाल सेही पता लगे आपका ये चाल।
ग्रहों की चाल प्रभावित करती है धंधा पानी।
ग्रहों की चाल प्रभावित करती है राजा रानी।
जीवन में घटित हो रही अच्छी बुरी घटनाएं।
ग्रहों के गतिशीलता-महत्व जीवन में बताएं। 
इन घटनाओं के समझ हेतु आधार है माना।
27नक्षत्र 9ग्रह 12राशि को आधार है माना।
हर राशि व ग्रह का अपना-2 गुण व धर्म है।
इसी आधार पे ज्योतिषीय गणना व कर्म है।
ग्रहों के चाल से कई रंक से राजा बन जाते।
ग्रहों के चाल से भूप भी भिखारी बन जाते।
ग्रहों के चाल का राशि पर ऐसा पड़े प्रभाव।
पल में हस्ती मिट जाती है रहे न कोई भाव।
रचयिता :
डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
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