आजादी का अर्थ हम, समझ नहीं पाये।
कैसे आजाद हुए हम, समझ नहीं पाये।।
आजादी का अर्थ हम————–।।
कहते हैं जिसको हम, मतलब-ए-आजादी।
उसमें नहीं है अपना, मकसद-ए-आजादी।।
आजादी की ग़दर वह हम, लड़ नहीं पाये।
आजादी का अर्थ हम————-।।
अपना ही राज है अब, अधिकार है हमको अब।
लेकिन इस जोश में, होश नहीं है हमको अब।।
लेकिन हमारा फर्ज है जो , वो निभा नहीं पाये।
आजादी का अर्थ हम————-।।
प्रगति बहुत की हमने, लेकिन बढ़ गया भ्रष्टाचार।
बाहर से हो रहे हैं हमलें, भीतर यहाँ अत्याचार।।
उन शहीदों का ऋण हम, चुका नहीं पाये।
आजादी का अर्थ हम————-।।
आजादी के नशे में हम, भूल गए अपना ईमान।
भूलकर रिश्ते ,अपनों का, कर रहा है खून इंसान।।
दास्तां इस तिरंगे की हम, पढ़ नहीं पाये।
आजादी का अर्थ हम————–।।
साहित्यकार एवं शिक्षक-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)