सुमित घर के अंदर आते ही अपने रूम के तरफ जाने लगा। तभी पीछे से मिठी सी आवाज़ उसकी कानो मे पड़ी… (आगए बेटा ऑफिस से…)सुमित पीछे मूड के देखा तो उसकी माँ (विमला )खड़ी थीं। और उसे बड़े ही प्यार से निहार रही थीं। सुमित अपने हाथ की बैग पास की  सोफे पर रखा और विमला को hug करते हुए
सुमित -हाँ माँ आगया आपका बेटा। आप कैसी हो..? और पापा कहाँ है..?। भईया और भाभी… अभी बोल ही रहा था की। विमला उसे टोकते हुए
विमला -अरे अरे रुक..। कितना सवाल करता है तू..? 🤦‍♀️
सुमित -हँसते हुए 😁अच्छा माँ रुक गया मैं। अब बताओ..
विमला -तेरे पापा और भईया अपने दोस्त के यहाँ गए है शादी है न दो दिन बाद। और तुम्हारी भाभी जी अपने रूम मे है। सुमित घबराते हुए
सुमित -क्या हुआ माँ..? उनकी तबियत तो ठीक है न..?
विमला अपनी सर पकड़ते 🙆‍♀️हुए-हे भगवान इसका सवाल कब ख़तम होगा पता नहीं। अरे तुम्हारी भाभी को कुछ नहीं हुआ है। अभी मैंने ही कहाँ की थोड़ा आराम कर ले.। क्योकि दिन भर तो खुद ही लगी रहती है कुछ न कुछ कामों मे।
सुमित -अच्छा ठीक है माँ। मैं भी फ्रेश होजाता हूँ। फिर साथ मे खाना खाते है भूख भी लगी है।
विमला -ठीक हाँ बेटा 😊। सुमित अपना बैग उठा कर अपनी रूम की डोर खोलता है। लाइट ऑन कर के पुरे रूम को ध्यान से देख कर खुद से ही बोलता है की
                क्या सुमित… आज भी खाली हाथ ही लौट आए 🤦‍♂️। और sorry मेरे रूम की आज भी इस रूम की मलिका और मेरी ज़िन्दगी जीने की वजह तक नहीं पहुंच पाया यार 🙆‍♂️😔।बोलकर वो बेड पर गिर गया और लम्बा सांस लेते हुए….
आसमां के तारे उस महबूब के स्वागत मे होंगी
जाने कब वो हंसी रात हमारे नाम होंगी,
कब से तरस रहा है दिल का कोना कोना जिसके लिए
जाने कब मेरी वो हंसी दिलरुबा मेरे साथ होंगी।।
बोलकर वो फिर से लम्बी सांस लिया और टावल लेकर वाशरूम की ओर चला गया।
   कुछ देर बाद….
                 विमला और सुमित डांनिंग टेबल पर बैठे कुछ बात कर रहे थे। या ये कहें की सुमित अपने बातो मे माँ को तंग कर रहा था तभी हाथ मे खीर की ट्रे लिए कोई उनके पास पहुंची। जिसे देख मुस्कुराते हुए विमला….
विमला -अब बस भी कर थोड़ा तंग अपने भाभी को भी कर ले देख आगयी। 😊सुमित उनके तरफ देखते हुए
सुमित -क्या भाभी इतना कोई देर करता है क्या कबसे भूख लगी है आपके देवर को। आपको तो बिलकुल अहसास ही नहीं है 😜😒😏
भाभी(संगीता)-अच्छा जी…? इतना भूख कबसे लगने लगा आपको..? क्या बात है देवर जी लगता है की हमारी देव….. इतना ही बोली थीं की सुमित उनके बात काटते हुए
सुमित -अरे अरे भाभी मैं तो मज़ाक कर रहा था…। क्या आप भी… 😔। विमला सुमित की कान पकड़ते हुए
विमला -बड़ा मज़ाक सूझने लगा तुम्हे बेटा। की हर बात ही मज़ाक मे उडाने लगा है न..?सुमित अपने कान बचाते हुए
सुमित -अरे माँ कान टूट जायेगे मेरी। अब छोड़ भी दो वरना ज़िन्दगी भर कुंवारा ही रहना पढ जायेगा 😁🤣
विमला -सोचते हुए 🤔कान से और तेरे शादी से क्या मतलब..?
सुमित -माँ बिना कान के लड़के कौन अपनी बेटी देगा ये भी तो सोचो 🤭🤭। इस बात पर संगीता हँसते हुए
संगीता -अरे वाह सुमित भईया बहुत दूर तक सोचने लगे आप तो… 😁
सुमित -भाभी जी फिलहाल सच मे भूख लगी है। आईये पहले पेट पूजा कर ले। कुछ सोचते हुए.. विमला से
माँ.. पापा जी और भईया खाकर गए है क्या..? या यूही…
विमला -नहीं बेटा वो लोग खाकर ही निकले यहाँ से
सुमित -तब बहुत अच्छी बात है। भाभी आप भी आजाओ आज साथ मे खाते है।
संगीता -ठीक है देवर जी। पहले खाना लगा देती हूँ फिर..
विमला -संगीता बेटा आज हम साथ मे एक साथ बैठते है न
संगीता -ठीक है माँ जी। बोलकर वो भी एक चेयर पर बैठ गयीं। लेकिन वो उस वक़्त मुस्कुराने से नहीं रोक पायी जब सुमित को अपने पास की चेयर कुछ उदासी से निहारते हुए देख ली 🤭😊झूठी खासी करते हुए बोली
सुमित भईया आपको और कुछ चाहिए..?सुमित उनकी छेड़खानी समझते हुए मुस्कुरा के रह गया 😊।और खाने पर पूरा ध्यान लगा दी। संगीता भी मुस्कुराते हुए खाने लगी। कुछ देर बाद खाना ख़तम करके विमला अपने कमरे मे चली गयीं थीं। और संगीता किचन की समान व पलेट्स समेटने मे लग गयीं। लेकिन सुमित वही बैठा मोबाइल मे कुछ निहार रहा था। तभी राज और मोहन की कॉन्फ्रेंस कॉल आगया। जिसे देख सुमित ने अपना सर हिला दिया और अपने रूम मे चला गया। तब तक एक कॉल मिस होगयी। दुबारा से रिंग होते ही सुमित रिसीव कर लिया। देखा तो दोनों ही नाराज़गी से उसे घूर रहे थे।तो
सुमित -क्या हुआ भाई…? ऐसे क्यूँ घूर रहे हो yr..
मोहन -कहा था कबसे…? 🤨
राज -हाँ बता लेकिन कोई बहाना नहीं ok🙄
सुमित -कसमे से कोई झूठ नहीं कोई बहाना नहीं और कोई मज़ाक नहीं। यार निचे था इसीलिए रिसीव नहीं किया। कुछ देर पहले ही dinner हुआ हमारा तो वही बैठा था।
राज -जरूर मोबाइल मे… 😜
सुमित -हाँ मेरे भाई उसके सिवा है भी क्या करने को ☺️
मोहन -कब तक ऐसे जियेगा भाई…? तू नाही कुछ करता है आगे और नाही हमे कुछ करने देता है।
सुमित -क्या बोल रहा है..?
राज -यही की हमें परमिशन देदे अपने साथ तेरे मंज़िल को ढूंढ़ने की।
मोहन -हाँ भाई। हमसे नहीं देखा जाता यार अब तुम्हे ऐसे तड़पते हुए।
सुमित -नहीं भाई 😊एक महीने और हमें ही तलाशने दो।क्योकि..
राज -उन्हें देखे हुए 1 साल पूरा होने वाला है…? 😊
सुमित -हाँ मेरे भाई ☺️💗
मोहन -भाई सुमित तस्वीर मत दिखा उनकी कोई बात नहीं। लेकिन उनके बारे मे तो कुछ बता दें की कुछ तो help कर सके हम तुम्हारे
सुमित उसी भाव मे – कयी जन्म नहीं सोना है तुम्हे पहले तू बता
राज -हँसते हुए 🤣हाँ भाई बता दें। अब तू ही रह गया है 😁। मोहन सोचते 🤔हुए
मोहन -ऐसा क्यूँ 🤔🤔🤔। सुमित अपना बाल चढ़ाते हुए
सुमित -क्योकि जिसके बारे मे पूछ रहा है न भाई। वो तेरे इस भाई के ज़िन्दगी की देवी है। पूजता हूँ उन्हें हमेशा दिल से और तू उनके बारे मे पूछ रहा है तो जाने कितने जन्म बीत जायेगे मुझे बताने मे ही 😉।राज तो हँस ही रहा था पर मोहन ने अपने सर पिट 🤦‍♂️लिया। और हाथ 🙏जोड़ते हुए
मोहन -हे मेरे भाई.. 🙏अपने देवी के दास…🙏 अब मुझे बक्श दें।तेरे बात सून के मेरा सर घूमने लगता है। इसीलिए  अब सोने जारहा हूँ। Good night 😴
राज -हाँ मैं भी good night
सुमित -ठीक है यारों सोजाओ अब 😊। राज और मोहन एक साथ
हाँ भाई अब तुम भाभी जी के लिए कोई खूबसूरत सा ख्वाब बुन लो 😜😉। सुमित हँसते हुए 🤣अच्छा ठीक है good night कल मिलते है 😊….। बोलकर वो फ़ोन एक साइड मे रखा और मुस्कुराते हुए अपना आँख बंद करके सोगया…..।।
क्रमशः :तो अगले part मे देवी के बारे मे जानते है. 😊😊😊। बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏
नैना…. ✍️✍️
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