शिव ही शक्ति ,शिव ही भक्ति,
शिव सबका संसार हैं,शीश झुकाकर ,
चरणों में बैठो,
शिव ही तारणहार हैं,
शिव-शक्ति का विवाह पर्व हैं,
आज बड़ा सुंदर दिन है,
मन में सबके शिव हैं बैठे,
करते बेड़ा पार हैं,
अर्ध-चंद्र जटा में गंगा,
गले में सर्पों का हार है,
डम-डम बाजे शिव का डमरू,
शिवरात्रि का त्यौहार है,
सच्ची भक्ति मन की श्रद्धा,
सबसे बड़ा उपवास है,
शिव कैलाशी, हिम के वासी,
रखते सबकी लाज हैं,
शीश झुकाकर चरणों में बैठो,
शिव ही तारणहार हैं।
शिव शक्ति विवाह की शुभकामनाएं।
आरती आचार्य 
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