बात चली जब भी देश की,देशभक्ति रगो मे दौडने लगी,
देश के वीर जवानो ने ना की परवाह जान की,हौंसले दुश्मनो के तोडने लगी!
देश की मिट्टी से प्यार है कितना,हमको ये बतलाते हैं,
कैसे उतारे कर्ज धरती मां का,हमारे वीर जवान जांबाज़ी से अपनी दर्शाते हैं!
झुकने ना देंगे नाम अपने देश का,हर एक सांस ये कहने लगी,
हर खून मे उबाल आ जाता है, जब बात अपनी धरती की हो,
अपनी मां के दूध का कर्ज उतारा, सीना पिता का चौडा किया,
देश की रक्षा की खातिर वीरो ने हमारे सर्वस्व अपना न्यौछावर किया!
देख के बलिदान अपनो सपूतो का धरती भी आशीर्वाद बरसाने लगी!
श्वेता अरोडा