लो फिर आया मौसम
रंग बिरंगे त्योहारों का,
नववर्ष के उत्साह सा
लोहड़ी की अग्नि ज्वाला सा,
संक्रांति के अनुपम सौंदर्य सा,
तिल, गुड़ और खिचड़ी जैसे
भिन्न भिन्न पकवानो सा,
लो फिर आया मौसम
देशभक्ति में झूमने का,
फहरा क़र तिरंगा प्यारा
वन्देमातरम बोल, गर्व से जीने का,
आया मौसम देशभक्ति में रम जाने का,
आया ऋतुराज बसंत,
समां माँ शारदे के पूजन का,
धूप दीप बाती संग
ज्ञान अर्जित क़र, माँ सरस्वती को ध्याने का,
देखो ना, आया है मौसम
भिन्न भिन्न त्योहारों का,
महादेव की आराधना का
आदि अंन्नत अलौकिक शक्ति का
बेल पत्र और बेर, धतूरा अर्पित क़र,
शिव की भक्ति में खोने का,
देखो आया फागन मास
झूम घूम के गाने का,
रंग बिरंगे रंगो से
एकता और समभाव
समर्पित होने का,
आया मौसम होली का,
पिचकारी और ग़ुलाल में रंग क़र
भेदभाव और द्वेष मिटाने का
रंग जाओ बस एक ही रंग…
गुझिया और मीठे पकवानो सा, मीठे बोल की सीख पाने का
देखो आया अनुपम मौसम
झूम झूम गाने का,
कोयल की कूके और मीठी बोली का,
आमों पर मांजर बौछारे छाने का,
आया मौसम नए साल के उत्साह का,
नवरात्रि में माँ के पूजन का,
पग पग नए पल्लव खिले,
माँ तेरे स्वागत को मंदिर भवन सजे,
साधना और जागरण का मौसम आया है,
माँ दुर्गा के पूजन का अद्भुत मौसम आया,,
कितना अलौकिक कितना पावन,
नवरात्रि में सजेगा माँ का दरबार
कन्या पूजन होगा हर घर द्वार
माँ देंगी आशीर्वाद, बना रहे सबका
ज्ञान, धन और सम्पन्नता का भंडार,
बैसाखी में कनक के अम्बार लगने का,
भंगड़े गिद्दे में झूमने का,
पावन त्योहारों का मौसम आया
रंग बिरंगे त्योहारों का मौसम आया,,
निकेता पाहुजा
रुद्रपुर उत्तराखंड