हर इंसान के जीवन में वो एक दिन ऐसा आता है,जो उसके लिए यादगार बन जाता है। किसी के जीवन में कभी दुख ही दुख आते हैं, तो वह सुख की कल्पना मात्र वी से ही खुश हो जाता है और जब खुशी उसके जीवन में दस्तक देती है तो उस सुनहरे दिन को वो कभी भूल नहीं पाता। जबकि इसके विपरीत कई बार ऐसा होता है, जब किसी इंसान के जीवन में अचानक दुख आता हैं तो वह अपने आप को संभाल नहीं पाता और ना चाहते हुए भी वह टूट जाता है।ऐसी विपरीत स्थिती में अपने को संभालना एक चुनौती ही होती है। इसलिए हमारे जीवन में सुख दुख दोनों पलों का समावेश होना चाहिए। ताकि हम इन दोनों पलों में “जीवन की महत्वता” को समझ सके व जीवनपथ पर आगे बढ़ते चले।
जीवन में वह दिन, खास बन जाता है
सुख-दुख हर स्थिति को इंसा जी पाता है ।।
हिम्मत के सहारे, खुद को संभाल पाता है
जीवन के भवसागर को ,वह तर जाता है ।।
………….. मनीषा भुआर्य ठाकुर