संगीत के सुर होते सात।
सतभैया तारे होते सात।
इंद्रधनुष के रंग होते सात।
सपनों के रंग भी होते सात।
सप्ताह के दिन भी होते सात।
विश्व में महादेश भी होते सात।
सूरज के घोड़े भी होते सात।
विवाह के वचन भी होते सात।
राजस्थान के संभाग भी होते सात।
धरती पर समुंदर भी सात।
मानव के संस्कार भी सात।
करोड़ बनता एक संग जब शून्य सात।
-चेतना सिंह,पूर्वी चंपारण।