सुजीत का आज बैंक जाना बहुत जरूरी है और  सुजीत की पत्नी रिचा को आधी रात से ही बुखार हो गया है । सुजीत इसी कशमकश में आधी रात के बाद से नहीं सोया कि वह कल का दिन कैसे मैनेज करेगा ?? कोई और दिन होता तो वह मैनेज कर लेता लेकिन कल तो उसकी इंवेस्टर्स के साथ बहुत ही जरूरी मीटिंग है । यही सब सोचते हुए सुबह के समय थोड़ी देर के उसकी ऑंख  लगी थी लेकिन एक घंटे में ही उसकी ऑंख खुल गई। वह रिचा के पास गया और उसके माथे को छुआ । बुखार अभी भी था। वह क्या करें उसकी समझ में नहीं आ रहा था ?? सात बज चुके थे और नौ बजे तक उसे बैंक पहुॅंचना था ।
उसके यहाॅं काम करने वाली बाई को भी रिचा के बारे में पता नहीं होगा यह सोचते हुए जब वह किचन में अपने लिए चाय बनाने पहुॅंचा तो घर में काम करने वाली बाई जिसका नाम जया था को देखकर चौंक गया । 
सुजीत ने जया से पूछा कि तुम यहाॅं कैसे और घर के अंदर कैसे आई हो ??  जया ( सुजीत की बाई ) ने थोड़ा ठिठकते हुए सुजीत से कहा कि सर ! आपलोग सो रहे होंगे और रिचा मैडम को बुखार है और आपको बैंक जाना होगा  इसलिए मैं आज जल्दी आ गई और मैडम ने मेन गेट की एक चाबी  मुझे दे रखी है । उनकी तबीयत तो हमेशा खराब ही रहती है इसलिए उनको मेरे लिए दरवाजा खोलने में कोई दिक्कत नहीं हो इसलिए  मैडम ने  मुझे  एक चाबी दी हुई है  । सुजीत थोड़े आश्चर्य में पड़ गया कि इसे रिचा को बुखार है यह बात कैसे पता चली । वह पूछने ही वाला था कि जया ( सुजीत की बाई ) ने उसके हाथों में चाय की प्याली पकड़ा दी और कहा कि सर ! आप चाय पी लो जो भी पूछना है बाद में पूछ लेना । मैं तब तक मैडम को देखकर आती हूॅं । 
सुजीत रात भर का जगा हुआ था और उसे चाय की तलब जोरों से हो रही थी । वह वहीं हाॅल में बैठ कर चाय पीने लगा । वह चाय‌ पी ही रहा था कि जया आ गई और सुजीत से कहने लगी कि मैडम को तो तेज बुखार है । आप डाॅक्टर को बुला लीजिए तब तक मैं आपके ‌लिए ब्रेकफास्ट और लंच बना देती हूॅं । 
तुम सबका ध्यान कैसे रख लेती हो ?? किसको कब और क्या चाहिए तुमको पता हो जाता है । तुम्हारे पास कोई जादू है क्या जया ?? सुजीत ने जया की तरफ देखते हुए कहा । 
क्या सर ! आप भी  ना  बस  मजाक ही  करते  रहते हैं । मैं इस घर का नमक खाती हूॅं । मेरा परिवार इसी घर से ही तों चलता है और जो  कुछ भी मैं करती हूॅं वह मेरा काम है । सर ! आप यहाॅं का टेंशन मत लीजिए । मैं हूॅं ना सब संभाल लूंगी और वैसे सर ! आज तो आपकी मीटिंग हैं ना ?? 
हाॅं मीटिंग तो है लेकिन रिचा को छोड़कर कैसे जाऊं ?? सुजीत ने जया से कहा । 
मैंने आपसे कहा ना कि मैं सब संभाल लूंगी आप टेंशन मत लीजिए जया ने आटा गूंदते हुए कहा । 
सुजीत और रिचा के घर में जया छः महीने से काम कर रही है और इन छः महीने में उसने अपने व्यवहार से रिचा के साथ – साथ सुजीत का भी मन‌ मोह लिया हुआ है । सुजीत भी अपने घर के काम जया को ही बोल देता है और वह समय से पहले ही पूरा हो जाता है । वह सब काम में परफेक्ट थी । कहते है विश्वास आते -आते ही आता है यानी किसी पर विश्वास करने में  बहुत समय लगता है लेकिन उस विश्वास को तोड़ने में एक क्षण ही काफी होता है । इन छः महीने में सुजीत और रिचा दोनों ही जया पर ऑंख मूंदकर विश्वास करने लगे थे ।
ऐसा नहीं था कि रिचा और सुजीत ने उसे परखा ना हो‌ । रिचा जानबूझ ‌कर अपना नेकलेस बेड के पास गिरा देती और देखती कि जया क्या करती है ?? सुजीत भी अपना पर्स सोफे पर ही जानबूझकर छोड़ देता और दोनों देखते कि जया क्या कर रही है ??  जया भी पूरी तरह कमर कस के आई थी वह सब परीक्षाओं में डिस्टिंक्शन लाती । इस तरह सुजीत और रिचा का जया पर विश्वास दिन – प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा था । सुजीत का फ्लैट जिस सोसायटी में था वहाॅं सब जया की तारीफ करती । सुजीत और रिचा यहाॅं तक कहते कि हमने पिछले जन्म में कोई अच्छा काम किया होगा जो हमें ऐसी बाई मिली । 
सुजीत आज जैसे ही बैंक के अंदर गया उसका बेस्ट फ्रेंड रवि उसके पास  आया और  कहा कि  भाभी  जी ठीक  तो है । एक पल को सुजीत को लगा कि मैंने रवि को रिचा को बुखार है यह तो बताया ही नहीं था फिर इसे कैसे पता चला कि रिचा बीमार है । चूंकि उसकी मीटिंग थी इसलिए वह रवि से बिना बात किए ही मीटिंग रूम में चला गया । मीटिंग रूम में किसी को नहीं देखकर उसने दूसरे कर्मचारियों को बुलाया और पूछा कि मीटिंग की तैयारी क्यूं नहीं है ?? सब सुजीत  की  तरफ  आश्चर्य से देखने लगे । सबको ऐसे देखते हुए देख कर सुजीत गुस्सा हो गया और कहा कि तुम सभी चुप क्यों हो ?? 
उन्हीं में से एक कर्मचारी ने कहा कि सर! आपने आज सुबह ही तो मीटिंग कैंसिल कर दिया था और कहा था कि अब नेक्स्ट वीक में मीटिंग होगी । 
मैंने अगर मीटिंग कैंसिल की होती तो क्या मैं अपनी बीमार पत्नी को छोड़ कर ऐसे भागे – भागे आता ?? सुजीत को पता चलता है कि उसके फोन से सुबह छः बजे  विजय ( बैंक का एक कर्मचारी ) को मीटिंग कैंसिल करने के लिए फोन आया था । जब सुजीत को यह यकीन नहीं होता है तो वह विजय का फोन ‌लेकर चेक करता है तो पाता है कि विजय सही कह रहा है । जब सुजीत ने विजय से कहा कि वह मेरी ही आवाज थी तो विजय कहता है कि आपके साथ हम पाॅंच साल से काम कर रहे हैं । हम आपकी आवाज पहचानते हैं । वह आप ही थे सर । 
सुजीत यह सब  बातें सुनकर आश्चर्य में पड़ जाता है उसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था । वह रवि के केबिन में उससे पूछने जाता है लेकिन वहाॅं जाते ही रवि , सुमीत से कहता है कि भाभी जी अब तो ठीक है ना ?? तू तो कह रहा था कि उनका  अचानक  ही ऑपरेशन करवाना है इसलिए आज ऑफिस नहीं आएगा और इसके लिए  तुझे तीस  लाख तेरे चौकीदार को  देने के लिए कहा था  ।  तूने यह भी  कहा था कि तुम्हें कैश चाहिए और बैंक से निकाल कर गेट वाले चौकीदार को दे देना । जब मैं पैसे देने चौकीदारी के पास गया तो उसने कहा था कि तुम लोग अस्पताल  में हो । 
रवि की बातें सुनकर सुजीत को चक्कर आ गया और रवि ने जब यह देखा तो उसे  वहीं केविन के सोफे पर बैठा दिया और पीने के लिए पानी दिया ।  
पानी पीने के बाद सुजित ने रवि से कहा कि  यार ! मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि मेरे साथ यह हो क्या  रहा है ???? ना तो मैंने मीटिंग ही कैंसिल की है और ना ही तुम्हें पैसे लाने को और चौकीदार को देने की ही बात कही थी । 
रवि भी परेशान था कि उसे तो सुजित ने ही काॅल किया था और पैसे लाने को कहा था और अभी यह अपनी बात से मुकर रहा है । कही यह झूठ तो नहीं बोल रहा लेकिन …  रवि का मन मानने को तैयार  ही नहीं हो रहा था सुजीत जैसा भला आदमी पैसों के लिए झूठ बोलेगा ।
रवि ने सुजीत से पूरी बात पूछी और उसे लेकर पुलिस स्टेशन पहुॅंचा । जब सुजीत ने पुलिस इंस्पेक्टर को उसके साथ हों रही बातें बताई तो पुलिस ने बताया कि यह एक नए तरीके का साइबर क्राइम सामने आया है जिसमें आपके आस-पास रहने वाले लोगों में से कोई भी आपके फोन से काॅल फाॅरवर्ड  और काॅल वहाईस चेंजर ( call voice changer ) को एक्टिवेट कर देता है और अपने फोन से इसे ऑपरेट करता है और लोगों को लगता है कि आपने फोन किया है क्योंकि  आपका  नंबर और  आवाज ही  उन्हें दिखाई देता है । आपके साथ भी यही हुआ है और आप भी इसी क्राइम का हिस्सा बने हैं । अब आप बताएं कि आपको किस पर शक है । हमारे पास जो इस तरह का पहला केस आया था उसमें उसका ड्राइवर शामिल था । तुम्हें किस पर शक है बताओं ???
सर ! मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि मैं किसके बारे में बताऊं । मेरे साथ यह हुआ है लेकिन किसने किया है मुझे नहीं मालूम ?? सुजीत  ने  पुलिस इंस्पेक्टर  से  कहा ।
जरूरी पूछताछ के बाद पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा कि मुझे लगता है कि आपकी  बाई  जया ने यह किया होगा । 
सुजीत ने कहा कि यह नहीं हो सकता है सर! वह तो बहुत हेल्पफुल है और बहुत अच्छी है । मुझे नहीं लगता कि वह ऐसा कर सकती हैं । 
पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा कि ठीक है फिर जैसे ही कुछ पता चलता है आपको खबर करते हैं । 
सुजीत जैसे ही अपने फ्लैट में पहुॅंचता है । रिचा उसके गले लग जाती है और कहती है भगवान का शुक्र है कि आप सही – सलामत हो । मैं तो घबरा गई थी जब आपके नंबर से फोन आया था कि मेरा किडनैप हो गया है जल्दी से पैसे गेट के बाहर कूड़ेदान में रख दो । मैंने चौकीदार के हाथों पैसे कूड़ेदान में फिंकवा दिया था जैसा कि आपने कहा था । सुजीत ने फिर से अपना सिर पकड़ लिया और कहा कि फिर से मुझे चूना लगा गया ।
सुजीत को जया का ध्यान आया तो उसने जया के बारे में पूछा तो पता चला कि रिचा को दवा खिलाकर वह निकल गई थी ।
सुजीत ने जब अपना मोबाइल पुलिस इंस्पेक्टर के कहने पर चेक किया तो उसके फोन से छेड़छाड़ का पता चल गया और उसके बाद  फोन को डिएक्टिवेट कर  दिया गया । 
जब जांच हुई तो पता चला कि यह सब जया ने ही अपने पति के साथ मिलकर यह सब किया था । जब सुजीत को यह पता चला तो उसने रिचा को कहा कि इस तरह मीठा बोल कर , अच्छा व्यवहार करके जया हमारे खिलाफ साजिश कर रही थी और हमें पता ही नहीं चला । अब हम दोनों चौकन्ने रहेंगे ताकि कोई और जया अपने पति या किसी और के साथ मिलकर   हमारे  खिलाफ  साजिश ना कर सके । 
                     
                                                 धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻
    ” गुॅंजन कमल ” 💓💞💗
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