कुछ तो साजिश
खुदा की भी रही होगी
जो उसने हमें मिलाया
कुछ तो उसने भी चाहा होगा
कि बने तू मेरा हमसाया
किसी से किसी का मिलना
यूँ ही नहीं होता है
जिससे उस जन्म का नाता हो
उससे ही दिल मिलता है
मिलते तो हैं लाखों जिंदगी में
पर हर किसी से दिल नहीं मिलता है
ये मिलता है सिर्फ उसी से
जिसे खुदा ने हमारे लिए बनाया है
जिसे वो हमारे लिए बनाता है
उससे मिलाने की साजिश
फिर खुद ही बनाता है।।
आशा झा सखी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
प्रतियोगिता हेतु