आईना दिखा दो लाख दुनिया को,
झांको कभी अपने गिरेबां मे तो कोई बात बने,
बेइमानी मे तो जीवन पूरा बिताया,कुछ पल ईमानदारी मे बिताओ तो कुछ बात बने!
जख्मो को कुरेदना तो है बहुत आसान,मरहम बनो किसी का तो कोई बात बने!
बदला लेने की भावना मे तो बीती जिन्दगानी,कुछ गलतियां अपनी भी मान जाओ तो कुछ बात बने!
कीचड तो बहुत उछाली औरो के  उजले दामन पर, कभी उजला अपना दामन भी कर लो तो कोई बात बने!
छुरा तो कई बार घोंपा दोस्तो की पीठ मे,कभी दुश्मन को भी गले लगाओ तो कोई बात बने!
आंखे तो बहुत तरेर कर दिखाई औरो को, कभी नजरे खुद से मिलाओ तो कोई बात बने!
                                      श्वेता अरोडा
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