होली मिलन समारोह, हमें याद रहे कल को ।
यह रस्म और ये वादे , हम भूले नहीं कल को ।।
होली मिलन समारोह ————————-।।
हम रंगले आज खुद को, एक ऐसे रंग में ।
होली जलाये ऐसी , हम आज संग संग में ।।
जल जाये दिल के पाप और दिल की बुराई ।
लेले कसम यही हम , आज संग संग में ।।
हम अपने इस वचन को , निभाये सच में कल को ।
होली मिलन समारोह ————————–।।
हम तोड़कर दीवारें , जाति और धर्म की ।
हम राह चले हमेशा , नेकी के कर्म की ।।
अपने दिलों की नफरत, हम आज यहाँ मिटा दे ।
दोस्ती का हाथ मिलाये, ना बातें हो अहम की ।।
इस आज की यारी को , हम तोड़े नहीं कल को ।
होली मिलन समारोह ————————-।।
होली का दिन था यारों , दिल्ली की सड़कों पर ।
नादिर ने लहू बहाया , इंसान को कत्ल कर ।।
लूटे नहीं यह वादी , अपने इस वतन की ।
करें नहीं भरोसा , हम पाक की यारी की पर ।।
गुलशन यह चमन का , मुरझाये नहीं कल को ।
होली मिलन समारोह ————————–।।
(स्वरचित & स्वलिखित – गुरुदीन वर्मा ऊर्फ जी. आज़ाद)