देखा है नन्हीं गौरैया को,
घरों में घोंसला बनाते।
देखा है नन्हीं गौरैया को,
जूठन चुग सफाई करते।
देखा है नन्हीं गौरैया को,
आईने में छाया देख चोंच मारते।
देखा है नन्हीं गौरैयों को,
पंखहीन बच्चों को दाना देते।
देखा है नन्हीं गौरैयों को,
छत से लटके पंखे से टकराते।
देखा है नन्हीं गौरैया के चूजों को,
शरारती लड़कों द्वारा छेड़ते।
देखा है नन्हीं गौरैयों को,
चूं चूं मधुर राग छेड़ते।
देखा है नन्हीं गौरैयों को,
जोड़े संग अठखेलियां करते।
सुना है नन्हीं गौरैयों के बारे में,
इनकी संख्या को दिनोंदिन कम होते।
-चेतना सिंह,पूर्वी चंपारण