“जब मैं तुमसे मिली, तुमने जादू किया।
मेरे दामन को खुशियों से भर दिया।।
स्वप्न में भी जो न सोचा वो पूरा हुआ,
मेरे उर को प्रणय पंथ पर कर दिया।।
गीत लब पर मेरे गुनगुनाने लगे।
आंसू नैनो से तुम तो चुराने लगे।
तुमने दामन खुशी से मेरा यूं भरा,
हम तुम्हें सोच कर मुस्कुराने लगे।
गम के बादल सभी जिंदगी से छंटे ,
मेरे गम तेरे नैनों में दिखने लगे।
तुमको अपना समझने लगा ये जिआ।।
नभ से बारिश खुशी की यूं होने लगी।
मेरे अंतःकरण में छुपी थी व्यथा।
तुमने पढ़ नेह से पूर्ण मुझको किया।
जिंदगी में जो मेरे घिरी थी निशा,
आत्मविश्वास का दीप तुमने रोशन किया।।
डाल से टूट कर मैं थी बिखरी हुई।
प्यार सावन की भांति मुझे ला दिया।।
कष्ट मेरे सभी तुम हटाते गए।
मेरी सांसो को तुमने सुगंधित किया।।”
अम्बिका झा ✍️