बच्चों का सबसे अनमोल तोहफा है खिलौना। 
खो जाऊ उन बीते दिनों मे , 
जहाँ खिलौनों की ढेर हुआ करती थी। 
मन को भाने वाला सुंदर प्यारा खिलौना, 
खुशियाँ देने वाला खिलौना। 
थी, नीली आखों वाली गुड़िया, 
जिसे हम पहनाते थे लाल चुड़िया। 
जोकर मोटा ढोल बजाए, 
बंदर मामा ढोल बजाए। 
था  एक सफेद  फर वाला खरगोश, 
जो रहता था हर दम खामोश। 
रहती थी एक कार, 
जिसे हम सब चलाते थे मिलकर यार। 
वो बचपन के  बचकाने किस्से, 
       जो  यादों के है अब  हिस्से। 
वो दिन भी क्या दिन थे, 
जब खिलौनों मे ही हम गुम थे, 
रखा है सम्भाल कर दराज मे, 
वो भी चुप चाप पडे हैं दराज मे। 
 खुशियों का खजाना है एक खिलौना, 
रोते हुए बच्चे की मुस्कान है एक खिलौना।।
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