जय जय हो! अम्बे मइया,
जय जय जगदम्बे मइया।
शक्ति स्वरूपा दुर्गा मइया,
गौरी रूपा हे! जग मइया।
नवरात्र में तुम्हें पूजें मइया,
हर घर विराजें देवी मइया।
शक्ति का सारा सच मइया,
तेरे बिन हैं बेसहारा मइया।
हर दिल में रहती हैं मइया,
जग जननी हैं दुर्गा मइया।
देती आशीष हमें हैं मइया,
सबकी रक्षा करें ये मइया।
नौ दिन नौ रूपों में मइया,
प्रथमरूप शैलपुत्री मइया।
दूसरा ब्रह्मचारिणी मइया,
तीसरा है चन्द्रघंटा मइया।
चतुर्थ रूप कुष्मांडा मैया,
पंचम है स्कंदमाता मइया।
षष्ठम रूप कात्यायनी मैया,
सप्तम हैं कालरात्रि मइया।
अष्ठम महागौरी देवीमइया,
नवम रूप सिद्धदात्री मैया।
शक्ति ही सारा सच मइया,
दया कृपा बरसाना मइया।
पूजा करें नवरात्रि में मइया,
करें कृपा सबपर हे!मइया।
रचयिता :
डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.